नेपाल एक स्वतन्त्र राष्ट्र हें. यसका आन्तरीक माम्मीलामे दखल देनेको आपको कोहि भी अधिकार नहिहे इसलिए मदेश आन्दोलन के वारेमे आप कोही भी दिलचस्वी ना हि देखाए तो आपके लिए आच्छा हैं । आखिरकर आप नेपालके आच्छे दोस्त बन्नाचाहाते हो तो मदेशमा रहे आपका विहारका जित्ना नागरिक है उसको वापस विहारमे लेजाओ हामरे नेपालमे हुए इस आन्दोलन उत्ना वढा नहि हे जो आपका देशमा हो रहाहे आप दार्जेलिङका आन्दोलको क्यों नजर अन्दाज करतेहो । नयाँ दिल्लीमे दैनिक हुवा रेपका नियन्त्रण क्यों नहि कर्ते, हार्दिक पटेलका आरक्षणका मुद्दाको अभितक क्यु संवोधन नहि किया । कंस्मीरमे हुए गोली वारुद्ध से कित्ने आदमीका ज्यान जाहारहे आपको तो पता हेना ए सवतो उदहारण मात्र हैं और कुछ क्या क्या होरहाहै भरतमे ओ सव अन्दाज लगा सक्ता हैं । फिर क्यु नेपालकी आन्तरीक माम्मीलेमो दखल देरहाहे । इसीलीय आप आफ्ना देशका समस्याके वारेमा चिंन्ता करो हामरे नेपालको बारेमे नहि । नेपालमे हुए आन्दोलनको हाम खुद सुल्झाएंगे । आपको नेपालके सिमामे हुए नाकावन्दी को तुरुन्त खोल्ना होगा क्यौँ कि आपाका कदम अन्र्तराष्ट्रिय कानुन विपरित हैं । नेपालमे नए संविधान ९१ % जनताका सम्र्थनमे आयहे आपका देशमे संविधान ६३% जनताके सम्र्थनमे आया था दो चार आदमीके विरोधमे नेपालका नए संविधान लागु होनेमे रोक नही लाग्ता हे । आप सक्ते हो तो नेपालके सिमामे भारतने किया अतिक्रमणको रोक लागादे नहीतो ए नाकाबन्दीका धम्की देना बन्द करो ।
विनय शर्मा

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